11 साल बाद जारी भाजपा के घोषणा पत्र में राम मन्दिर, अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे शामिल किये गये हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घोषणा पत्र में इन मुद्दों का कोई जिक्र भी नहीं किया गया है। इन मुद्दों का जिक्र भाजपा ने केवल उस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिये किया है जिसके सहारे उसने सत्ता सुख प्राप्त किया था। लेकिन भाजपा के शीर्षस्थ बुद्विजीवी इस बात में बुद्वि नहीं लगा पाये कि इन मुद्दों के आधार पर भाजपा को वोट देने वाले मतदाता भाजपा की राजनीति को अच्छी तरह जान गये हैं। वे जानते हैं कि अपने बलबूते पर सरकार बनाना भाजपा के लिये टेढ़ी खीर है। सरकार राजग की बैशाखी के बिना सम्भव नहीं है। अब यदि राजग सरकार बनवाती है तो वह अपना घोषणा पत्र अमल में लायेगी। इस स्थिति में भी भाजपा के घोषणा पत्र की कोई अहमियत नहीं। फिर भाजपा का घोषणा पत्र किसके लिए? जागो नेता जागो अब मतदाता जाग गया है।
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